टीवी और विद्यार्थी हिंदी निबंध TV and Student Essay in Hindi

आज हम टीवी और विद्यार्थी हिंदी निबंध पढ़ेंगे। आप TV and Student Essay in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।

TV and Student Essay in Hindi

टीवी और विद्यार्थी हिंदी निबंध TV and Student Essay in Hindi

वर्तमान युग में विज्ञान के महत्त्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है केबल टीवी, जिसने सबसे अधिक बालक व युवा वर्ग को प्रभावित किया है। इनमें एक साथ 100 से अधिक चैनलों पर विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्यक्रम चौबीसों घंटे दिखाए जाते हैं। इनमें कार्टून चैनल से लेकर फिल्मी चैनल, नाटक, संगीत, वन्य जीवन, पर्यावरण तथा समाचार चैनल तक शामिल हैं। परिवार का हर सदस्य, अपनी रुचि के अनुसार, अपने चैनल का मनपसंद कार्यक्रम रोजाना देखना चाहता है।

बच्चों का तो यह मनपसंद मनोरंजन का साधन है। ऐसे में एक प्रसिद्ध उक्ति सत्य सिद्ध होती है-एक अनार और सौ बीमार। विद्यालय के समय के बाद बच्चे घर आते ही टीवी चालू कर उसके सामने आंखें गड़ाए बैठे रहते हैं। कुछेक तो सुबह उठकर भी टीवी देखकर ही स्कूल जाते हैं, तो कुछ बच्चे घरों में देर रात्रि तक टीवी के सामने जमे रहते हैं। बिना किसी मकसद के, समय काटने के लिए ऐसा करना एक बुरी लत है। इससे समय तो बर्बाद होता ही है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

कभी-कभी अभिभावक बच्चों को टीवी कार्यक्रमों में व्यस्त रखकर कुछ समय के लिए निश्चित तो अवश्य हो जाते हैं, परंतु वे यह भूल जाते हैं कि उसमें आने वाले कार्यक्रम बच्चे के अपरिपक्व व संवेदनशील मन पर क्या प्रभाव छोड़ रहे हैं। ऐसे में माता-पिता को बाल मनोविज्ञान की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इस संदर्भ में पंचतंत्र में अत्यंत स्पष्ट संकेत किया गया है।

वहां पंडित विष्णु गुप्त ने कहा कि बच्चों का मन कच्चे घड़े की तरह अत्यंत संवेदनशील होता है। उस पर कब ‘संस्कार’ अपना प्रभाव डालते हैं, पता नहीं चलता। उसका ज्ञान तो तब होता है, जब वह समय आने पर उभरकर साफ-साफ दिखाई देने लगता है। इसलिए क्या देखना है, क्यों देखना है, इस बारे में माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को समझाएं तथा प्रयास करें कि बच्चे उनकी उपस्थिति में ही कार्यक्रम देखें।


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