विश्वनाथ प्रताप सिंह पर निबंध Essay on Vishwanath Pratap Singh in Hindi

आज हम विश्वनाथ प्रताप सिंह पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Vishwanath Pratap Singh in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।

Essay on Vishwanath Pratap Singh in Hindi

विश्वनाथ प्रताप सिंह पर निबंध Essay on Vishwanath Pratap Singh in Hindi

राजा मांडा के नाम से विख्यात वी.पी. सिंह पहले तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, फिर राजीव गांधी की सरकार में वित्तमंत्री रहे। बाद में फेयरफेक्स विवाद के चलते उन्हें इस मंत्रालय से हटाकर रक्षामंत्री बना दिया गया, जहां उन्होंने बोफोर्स तोपों के सौदे में कथित दलालो का भंडाफोड़ किया।

इसके परिणामस्वरूप जनसाधारण में वे एक जिंदा शहीद बनते चले गए। उनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी, जबकि राजीव गांधी की लोकप्रियता का ग्राफ दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा था। राजीव गांधी लोगों के बीच उस समय ‘मिस्टर क्लीन’ के रूप में सम्मान पाते थे। लेकिन 410 बोफोर्स तोपों के सौदे में कथित 60 करोड़ की दलाली ने उनकी चादर को मैला बनाना शुरू कर दिया। उस समय के राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह और राजीव के बीच मनमुटाव की चर्चा भी तब लोगों के बीच होने लगी थी।

एक बार तो राष्ट्रपति ने उन्हें पीएम बनने की सलाह दी थी, लेकिन राजा पीछे हट गए। परंतु वातावरण अनुकूल बना और 1989 के चुनावों में उन्हें जनता ने समर्थन दिया, परिणामस्वरूप 2 दिसंबर, 1989 को वे देश के आठवें प्रधानमंत्री बन गए।

वी.पी. सिंह के साथी भी यह जानते थे कि वे दुष्प्रचार के माध्यम से इस पद पर पहुंचे हैं, अत: उन्होंने राजा के साथ अधिक देर तक चलना ठीक नहीं समझा। उन्होंने देश के पिछड़े वर्ग को अपने साथ लेने के लिए मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कर दी। इससे देश में छात्रों ने आत्मदाह करना शुरू कर दिया। उसी समय भाजपा ने मंडल के जवाब के रूप में कमंडल उठा लिया। उसने राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा निकालनी आरंभ कर दी।

27 नवंबर, 2008 को, 77 वर्ष की अवस्था में श्री सिंह का निधन दिल्ली के अपोलो हॉस्पीटल में हो गया।


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