आज हम पुस्तकालय हिंदी निबंध पढ़ेंगे। आप Library Essay in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
पुस्तकालय हिंदी निबंध Library Essay in Hindi
पुस्तकालय वह स्थान है, जहां विविध प्रकार की ज्ञान संबंधी सूचनाओं, स्रोतों, सेवाओं आदि का संग्रह रहता है। पुस्तकालय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है-पुस्तक+आलय। जिसमें लेखक के भाव और विचार संग्रहीत हों, उसे पुस्तक कहा जाता है और स्थान या घर को आलय कहते हैं। इस प्रकार पुस्तकालय उस स्थान को कहते हैं, जहां पर अध्ययन सामग्री (पुस्तकें, फिल्म, पत्र-पत्रिकाएं, मानचित्र, हस्तलिखित ग्रंथ , ग्रामोफोन रेकॉर्ड) एवं अन्य पठनीय सामग्री संग्रहीत रहती है और इस सामग्री की सुरक्षा की जाती है।
ज्ञान-विज्ञान की असीम प्रगति के साथ पुस्तकालयों की सामाजिक उपयोगिता और अधिक बढ़ गयी है। युग-युग की साधना से मनुष्य ने जो ज्ञान अर्जित किया है, वह पुस्तकों में संकलित होकर पुस्तकालयों में सुरक्षित है।
ये पुस्तकें जनसाधारण के लिए सुलभ होती हैं। पुस्तकालयों में अच्छे स्तर की पुस्तकें रखी जाती हैं। उनमें कुछेक पुस्तकें अथवा ग्रंथमालाएं इतनी महंगी होती हैं कि सर्वसाधारण के लिए उन्हें स्वयं खरीदकर पढ़ना संभव नहीं हो पाता। यह बात संदर्भ ग्रंथों पर विशेष रूप से लागू होती है। बड़ी-बड़ी जिल्दों के शब्दकोशों और विश्वकोशों तथा इतिहास-पुरातत्त्व की बहुमूल्य पुस्तकों को एक साथ पढ़ने का सुअवसर पुस्तकालयों में ही संभव हो पाता है।
इतना ही नहीं, असंख्य दुर्लभ पांडुलिपियां भी हमें पुस्तकालयों में संरक्षित मिलती हैं। आज के बदलते परिवेश में किसी भी विषय में संबंधित जानकारी पाना ‘सर्च इंजन’ गूगल आदि के माध्यम से बहुत आसान हो गया है, लेकिन यह भी सुनिश्चित है कि उनके आधार पर शोध कार्य कर पाना असंभव-सा ही है। फिर इन माध्यमों की पहुंच से अभी देश का काफी प्रतिशत हिस्सा बंचित है। इसलिए आज आवश्यकता है कि नगर-नगर में अच्छे और संपन्न पुस्तकालय खुलें, जिनसे बच्चों को पुस्तकें पढ़ने में रुचि बढ़े और देश की युवा प्रतिभाओं को विकास के सुअवसर सहज सुलभ हों।