आज हम चुनाव का अनुभव हिंदी निबंध पढ़ेंगे। आप Election Essay in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
चुनाव का अनुभव हिंदी निबंध Election Essay in Hindi
इस समय मेरी ड्यूटी चुनावों में लगाई गई है। मेरे अफसरों का कहना है कि उन्हें इस विशेष अवसर पर किसी से न डरने वाले और ईमानदार काम करने वालों की जरूरत है। मैंने जीवन में ऐसा ही बनने की कोशिश की है।
मेरी ड्यूटी शहर से दूर एक गांव में लगी है। लंबा सफर है। छोटी बस में बैठे अनचाहे ही मेरी आंखें मुंदी और एक चलचित्र की भांति घूम गया मेरे होशो-हवास में हुआ चुनाव से संबंधित मेरे जीवन का पहला अनुभव।
तब मैं 12वीं कक्षा में था। हमारे मन में उत्कंठा थी यह जानने की कि वोट कैसे डाले जाते हैं। मैं अपने तीन साथियों के साथ वोटिंग का नजारा लेने निकल पड़ा। लंबी-लंबी कतारों में खड़े लोगों को देखकर लगा, लोग अपने कर्तव्य के प्रति कितने जागरूक हैं। तभी एक बूथ पर जाकर हम खड़े हो गए। वहां बैठे एक कार्यकर्ता ने पता नहीं कैसे हमारी इच्छा को भांप लिया। उसने पूछा, “वोट डालोगे?” हमने हामी भर दी। उसने हमें पर्चियां दीं-अलग-अलग। हम लाइन में खड़े हो गए। हमारा नंबर आया तो हमने अपना परिचय दिया। वहां बैठे अफसर ने एक ओर इशारा किया, “इन्हें जानते हो?”
“नहीं,” हम सबका उत्तर था। अफसर ने एक तरफ बैठने को कहा। हमें लगा कि कुछ गड़बड़ी हुई है। थोड़ी देर बाद हम चारों जेल की कोठरी में थे।
रात काफी बोत चुकी थी। किसी की आंखों में नींद नहीं थी। लेकिन न जाने कब आंखें मुंद गई। एकाएक कोठरी का ताला खुला। थोड़ी देर बाद किसी बड़े पुलिस अफसर के सामने खड़े थे हम। उन्होंने पूछा, “क्या करने गए थे?” हम चारों बोले, “वोट डालने।” इसके बाद उन्होंने हमारी पूरी जानकारी ली कि क्या, कैसे हुआ था। “तो ठीक है, लिखकर दो कि फिर कभी ऐसा नहीं होगा।” हमने वैसा ही किया। हमें छोड़ दिया गया। बाद में हमें पता चला कि जिस उम्र के वोटर बनकर गए थे, उनसे हम बहुत छोटे थे। वैन झटके के साथ रुकी। आवाज आई,”उतरिए साहब, गांव आ गया है।” चुनाव के पहले अनुभव को अतीत के बक्से में बंद कर मैं उतर गया।