आज हम मातृ दिवस पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Mother‘s Day in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
मातृ दिवस पर निबंध Essay on Mother’s Day in Hindi
मदर्स डे मनाने की परंपरा बहुत पुरानी नहीं है। सत्रहवीं शताब्दी में युनाइटेड किंगडम में इसे मनाना शुरू किया गया था। एक पुरानी परंपरा के अनुसार ईसाइयों को अपनी मां के साथ चर्च में साल में कम-से-कम एक दिन अवश्य जाना चाहिए, इस दिन ऐसा ही करने की परंपरा शुरू हुई, इसीलिए इसे ‘मदर्स डे’ नाम दे दिया गया। पहले यह दिन लेंट (ईस्टर के चालीस दिन पहले) के चौथे रविवार को मनाया जाता था, जिसे ‘मदरिंग संडे’ या ‘मिडलेंट संडे’ कहा जाता था, जो मार्च में आता है।
ब्रिटेन में 16वीं शताब्दी में इसे मनाने की परंपरा का उल्लेख मिलता है। जो लोग अपने गांव से दूर शहरों में नौकरी करते थे, वे इस दिन अवकाश लेकर घर आते थे तथा गांव में इस समय मां तथा अन्य परिजनों के साथ उत्सव मनाते थे, जिसमें खाने-पीने और हंसने हंसाने की परंपरा थी। शहर से आने वाले कामगार मां के लिए केक तथा अन्य उपहार लेकर आते थे। इस दिन एक विशेष केक का बड़ा महत्त्व होता था, जिसे ‘मदरिंग केक’ या ‘सिमनल केक’ कहा जाता था।
पुरातन ग्रीस में वर्ष में एक दिन देवों की मां रीहा’ के नाम पर वसंत ऋतु में उत्सव मनाने की भी प्रथा थी। इस अवसर पर सुबह-सुबह उठ कर रीहा को शहद से बने केक का भोग लगाया जाता था, उसे उत्तम पेय चढ़ाया जाता था तथा इसका फूलों से अभिनंदन किया जाता था। ऐसा लगता है कि मां को ‘मदर्स डे’ पर बिस्तर में फूल और सुबह का नाश्ता देने की प्रथा तभी से शुरू हुई।
अलग-अलग देशों में इस दिन को मनाने की परंपरा थी, जिसके कारण और उद्देश्य भी अलग-अलग थे। आस्ट्रेलिया, मैक्सिको, डेनमार्क, फिनलैंड, इटली, टर्की, बेल्जियम, रूस, चीन और थाईलैंड में ‘मातृदिवस’ मनाने की परंपरा अमेरिका से पहले से जारी है। भारत में मां के महत्त्व को धार्मिक अनुष्ठानों से बहुत पहले से जोड़ा जाता रहा है। नवरात्रों में देवी की पूजा और कन्याओं को खिलाने की प्रथा काफी कुछ पश्चिम के ‘मदर्स डे’ से मिलती-जुलती है। बाइबिल में ईव’ को समस्त प्राणियों की मां माना गया है।