पी. वी. नरसिंह राव पर निबंध Essay on PV Narasimha Rao in Hindi

आज हम पी. वी. नरसिंह राव पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on PV Narasimha Rao in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।

Also Read – My Dream Essay in Marathi

Essay on PV Narasimha Rao in Hindi

 

पी. वी. नरसिंह राव पर निबंध Essay on PV Narasimha Rao in Hindi

28 जून, 1921 को आंध्रप्रदेश के बांगरा गांव में पी.वी. नरसिंह राव का जन्म हुआ था।

कांग्रेस पार्टी ने पीवी नरसिंहराव को 1991 के चुनावों में चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था। वे राजनीति और दिल्ली को अलविदा कह रहे थे, लेकिन तभी परिस्थितियां बदलीं। राजीव गांधी की हत्या हो गई। परिस्थितियों ने उन्हें रोककर वापस बुला लिया। नेतृत्वविहीन हुई कांग्रेस के लिए नेता के रूप में लोगों ने पीवी नरसिंहराव का चयन कर लिया और इस तरह देश के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 21 जून, 1991 को शपथ ग्रहण की।

इससे पहले वे देश में गृहमंत्री, रक्षामंत्री, विदेश मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री भी रह चुके थे। लेकिन प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उनके अपने साथियों ने ही शासन करने में कई तरह की रुकावटें पैदा की, लेकिन असीम धैर्य के साथ उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।

अपने अनुभवों के आधार पर देश की बदहाल अर्थव्यवस्था को भी वे ढर्रे पर लाए, लेकिन सेंट किट्स कांड, हर्षद मेहता कांड और झारखंड मुक्ति मोर्चा कांड में उनकी भूमिका से लोग उनके खिलाफ हो गए। 1992 में देश में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। इसमें भी उनको भूमिका पर लोगों ने कई प्रकार की टिप्पणियां कीं। इससे पूरा राजनीतिक वातावरण उनके खिलाफ हो गया।

पीवी नरसिंहराव को अपनी कूटनीतिक चतुराई के कारण भारतीय राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। वे विद्वान थे, बहुभाषाविद् थे तथा देश के पहले सुधारवादी प्रधानमंत्री थे। 21 मई, 1996 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे।

23 दिसंबर, 2004 को एम्स (दिल्ली) में उनका देहांत हो गया।


Share on:

Leave a Comment